आईसीआरए की एक रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में घरेलू बाजार में सोने के गहनों की खपत को लेकर 14-18 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2024 में केंद्रीय बजट में आयात शुल्क में 900 बेस प्वाइंट (BPS) की कटौती हुई.
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ICRA Report: सोने का रेट पिछले दिनों चढ़कर 80000 रुपये के रिकॉर्ड लेवल के ऊपर चला गया. हालांकि उसके बाद इसमें गिरावट देखी गई. मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही सोने की कीमत में करीब 30 प्रतिशत की तेजी आई है. इसके बावजूद गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड में लगातार तेजी बनी हुई है. आईसीआरए की एक रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में घरेलू बाजार में सोने के गहनों की खपत को लेकर 14-18 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2024 में केंद्रीय बजट में आयात शुल्क में 900 बेस प्वाइंट (BPS) की कटौती हुई. इसका असर यह हुआ कि कुछ समय के लिए सोने के रेट में सुधार हुआ.
फेस्टिव मांग के कारण डिमांड में तेजी देखी गई
इसी के साथ फाइनेंशियल ईयर 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान आभूषणों के साथ-साथ बार और सिक्कों की कुछ प्री-खरीद हुई, जो आमतौर पर मौसमी रूप से कमजोर तिमाही होती है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव के बावजूद कस्टमर के सेंटीमेंट में सुधार और फेस्टिव मांग के कारण डिमांड में तेजी देखी गई. हाल के महीनों में खपत में वृद्धि को बढ़ावा दिया गया.
दूसरी छमाही में आभूषणों की मांग में वृद्धि होने की संभावना
इसके अलावा शुभ दिनों और शादियों के दिनों की संख्या में वृद्धि और बेहतर ग्रामीण उत्पादन में सहायक अनुकूल मानसून से वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में आभूषणों की मांग में वृद्धि होने की संभावना है. वित्त वर्ष 2024 में संगठित आभूषणों के लिए रेवेन्यू वृद्धि को प्राप्तियों से समर्थन मिला था, जिसमें सोने की कीमत में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इस वित्त वर्ष में यही प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है.
औसत कीमत के मुकाबले 25 प्रतिशत की तेजी आई
चालू फाइनेंशिलय ईयर में अब तक, सोने की औसत कीमत फाइनेंशिलय ईयर 2024 की औसत कीमत के मुकाबले 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया कि पिछली सात तिमाहियों से सोने की कीमत में लगातार बढ़ोतरी वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य और सोने की बढ़ती निवेश मांग से प्रेरित है. सप्लाई को लेकर संगठित ज्वैलर्स की तरफ से वित्त वर्ष 2025 में अपने मौजूदा खुदरा नेटवर्क में 16-18 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है.
बड़े ज्वैलर्स फ्रेंचाइजी मॉडल की तरफ जा रहे
अधिकांश बड़े ज्वैलर्स नए मार्केट में विस्तार करने के लिए फ्रेंचाइजी मॉडल की तरफ जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें कम पूंजीगत व्यय और फ्रैंचाइजी-पार्टनर के साथ बाजार का फायदा मिलता है. आईसीआरए के वाइस प्रेसीडेंट सुजॉय साहा ने कहा, 'आईसीआरए के 15 बड़े खुदरा विक्रेताओं का सैंपल सेट, जो आर्गेनाइज्ड मार्केट का करीब 75 प्रतिशत हिस्सा है, वित्त वर्ष 2025 में 18-20 प्रतिशत का स्वस्थ वार्षिक विस्तार दर्ज करने का अनुमान है.
आईसीआरए का अनुमान है कि फाइनेंशिलय ईयर 2025 में इंडस्ट्री का परिचालन मार्जिन फाइनेंशिलय ईयर 2023 और 2024 के 7.2-7.4 प्रतिशत के लेवल से 50-70 बीपीएस तक कम हो जाएगा. फिर भी, आईसीआरए को उम्मीद है कि उसके सैंपल सेट के डेट प्रोटेक्शन मीट्रिक आरामदायक बने रहेंगे, जिसमें ब्याज कवर वित्त वर्ष 2024 में 6 गुना से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 6.2-6.4 गुना हो जाएगा.